हमें कोरोना वायरस से मिलकर लड़ना है

 

हमें कोरोना वायरस से एक साथ मिलजुल कर लड़ना है। इसके खिलाफ हम तभी जीत हासिल कर सकते हैं जब हम एक वैश्विक समाज के नाते सब भूलकर एकजुट हों। हर देश की सरकारें पूरी ताकत से कोरोना वायरस की रोकथाम करने के लिए दिन-रात संघर्ष कर रही है। डॉक्टर और वैज्ञानिक चौबीस घंटे कोविड-19 का टीका खोजने में लगे हुए है। ऐसे में सवाल उठता है कि आम जनता किस तरह से अपना योगदान कर सकती है? 
सरकारें चाहे किसी भी देश की क्यों न हो, चाहे वो कितनी भी विकसित क्यों न हो, चाहे उनके पास संसाधनों की कितनी भी भरमार क्यो न हो, ये बात भी उतनी ही सच है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए उनके संसाधन काफी नहीं है। अमेरिका और यूरोप जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी कई चीजों की ज़बरदस्त कमी से जूझ रही हैं। कोरोना वायरस से इस लड़ाई में वो देश ही आगे निकल पायेगा जिसके नागरिक अपनी सरकारों का साथ देंगे। 
जहां संसाधन सीमित होते हैं वहां व्यक्तिगत तौर पर हर इंसान की कोशिश काम आती है। मुश्किल के इस दौर में सरकारी नियमों का पालन करना, सरकारी निर्देशों को मानना और ज़रूरत पड़े तो एक समाज सेवी के तौर पर, एक समाजिक कार्यकर्ता के तौर पर सरकार का साथ देना उचित कदम है। तो घर में रहिये, सुरक्षित रहिये - सबका साथ ही कोरोना वायरस की बेहिसाब रफ्तार पर लगाम लगा सकती है और हां जब तक कि वैज्ञानिक कोई टीका (वैक्सीन) ना इजाद कर लेते हैं तब तक अपना बचाव दिशा-निर्देशों के तहत करते रहिए. वसुधैव कुटुंबकम् 

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