जियोफोन से 50 करोड़ उपभोक्ता बाज़ार पर रिलायंस की नज़र

बने बनाए बाज़ार में आगे निकलना है तो एक ऐसा प्रोडक्ट लेकर आओ जो पूरे कारोबार का हुलिया ही बदल दे. एक ऐसा शानदार प्रोडक्ट पेश करो कि लोगों को लगे उनकी ज़रूरत यही है. बड़ी कंपनियां बखूबी समझती है कि अगर वो कस्टमर को ये बताने में कामयाब हो गई कि उनकी पेशकश असल में ग्राहकों की ज़रूरत है तो कंपनियों की किस्मत बदल सकती है और बाज़ार में गेमचेंजर साबित हो सकती है. रिलायंस जियो 1500 रुपये के फीचर फोन की पेशकश के साथ यही करने की कोशिश कर रही है, जिसे शायद प्रतिद्वंदी कंपनियों ने सोचा तो होगा लेकिन करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. 
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में तकरीबन 50 करोड़ लोग फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं. फीचर फोन दरअसल वो फोन होता है जिसमें अल्फा न्यूमेरिक की-बोर्ड होता है, मामूली तौर पर इंटरनेट की सुविधा होती है, लेकिन इसमें स्मार्टफोन जैसी मल्टी-टास्किंग और एडवांस इंटरनेट की फैसिलिटी नहीं होती है. फीचर फोन से बेसिक चीजें ही की जा सकती हैं जैसे फोन और मैसेज करना, गाने सुनना.. रिलायंस अपने 4G फीचर फोन से देश के 50 करोड़ फीचर फोन उपभोक्ताओं को अपना कस्टमर बनाना चाहता है. इसके लिए रिलायंस ने फीचर फोन में ढेर सारी सुविधाएं पेश की है, जो ग्राहकों को लुभा सकती है जैसे जियो फीचर फोन से एक केबल के जरिए टीवी को कनेक्ट किया जा सकता है और फोन में मौजूद वीडियो को टीवी पर देखा जा सकता है, हालांकि इसके लिए अलग से पैसे चुकाने होंगे. जियोफोन में फेसबुक और यूट्यूब जैसे ऐप्स भी मिलेंगे, साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को भी सुना जा सकता है. जियो के हरेक फीचर फोन में रिलायंस जियो के ऐप्स होंगे जिसके जरिए कस्टमर कई और फीचर्स का लुत्फ उठा सकते हैं. 
ऐसा माना जा रहा है कि फायरफॉक्स इंटरनेट ब्राउजर बनाने वाली कंपनी का फायरफॉक्स ऑपरेटिंग सिस्टम जियो के फीचर फोन में होगा. ये क्वॉलकॉम और स्प्रेडट्रम चिप से लैस होगा. पहले ही सस्ते डेटा ऑफर से रिलायंस टेलकॉम बाज़ार में उथल-पुथल मचा चुका है और अब फीचर फोन जियोफोन के ऑफर से खलबली मच गई है. रिलायंस जियोफोन को इंटेलीजेंट फीचर फोन कह रही है जो 22 भाषाओं को सपोर्ट करेगी. 
देश की बहुसंख्यक आबादी अभी भी स्मार्टफोन और उसके महंगे डेटा यूजेज से कोसों दूर है. 50 करोड़ फीचर फोन यूजर्स में से अभी भी वैसे लोगों की संख्या ज्यादा है जो 2G फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में अगर उन्हें 1500 रुपये के रिफंडेबल पैसों में तीन साल के लिए फ्री वॉयस कॉलिंग और मैसेज की सुविधा मिले तो कई ग्राहक जियोफोन का रुख कर सकते हैं. हालांकि इसमें रिलायंस को कुछ दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है. देश के अंदर फीचर फोन इस्तेमाल करने वालों के पास जो फोन है असल में, उनकी कीमत एक हजार रुपये से कम है, ऐसे में 1500 रुपये में नए फीचर फोन की कीमत खटक सकती है. दूसरी समस्या नेटवर्क की है जो अभी भी गांव-कस्बों में पूरी तरह से पहुंची है. नेटवर्क की समस्या लोगों को जल्दी से जियोफोन अपनाने में रुकावट पैदा कर सकती है. हालांकि बड़े और मध्यम दर्जे के शहरों में ये समस्या नहीं होगी.

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