मेरा मसालेदार खाना कहां गया?..

लंच टाइम
आपने महानगरों में ये नज़ारा तो खूब देखा होगा, ऑफिस में जब भी लंच टाइम होता है वैसे ही कुछ लोग कैंटीन का रुख ना करके ऑफिस के बाहर जाना ज्यादा पसंद करते हैं. बाहर भीड़ लगी होती है. लोग छोले चावल, बिरयानी, राजमा चावल, छोले भटूरे, फ्रूट चाट, कुल्चे छोले, दही भल्ला की कतार में खड़े होते हैं. फटाफट अपने पसंद का भोजन किया और वापस ऑफिस में जाकर काम पर लग गए. अब काम तो सभी करते हैं और भूख भी सभी को लगती है. तो ऐसे में कैंटीन के नीरस उबले हुए बेस्वाद खाने से बेहतर इंडियन स्टाइल में मसालेदार, तीखा और चटपटा खाना मिल जाये तो क्या कहने. बस अपने पसंद का खाना खा लेने भर से ही बॉस की डांट का आधा असर तो कम हो ही जाता है. 
दोपहर में ऑफिस के बाहर लंच टाइम 
वैसे, महानगरों में लंच टाइम में दिखने वाले इस नज़ारे में अब थोड़ा थोड़ा बदलाव आ रहा है. आम तौर से भारतीय खाना बेचने वाले परंपरागत शैली के स्टॉल के साथ साथ पाश्चात्य देशों से प्रभावित फूड ट्रक आ गए हैं. ये भी खाना खिलाते हैं एकदम साफ सुथरा, गंदगी की कहीं भी गुंजाइश नहीं, अच्छे से कपड़े भी पहने होते हैं. आम तौर पर ये भोजन से भरी अपनी गाड़ियों को बड़े-बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्स के बाहर खड़ा करते हैं और पैम्पलेट्स के जरिए अपना खूब प्रचार भी करते हैं. लंच टाइम में ऑफिस से कुछ अच्छा खाने की चाहत में कई कर्मचारी इन फूड ट्रकों का रुख करते हैं. आजकल कई एनआरआई और नए बिजनेस आईडिया पर काम करने वाले नौजवानों ने देश के अलग-अलग महानगरों में इस तरह का फूड बिजनेस शुरू किया है. नई दिल्ली के पास देश के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर हब में से एक गुरुग्राम या गुड़गांव में लंच टाइम में फूड ट्रक का बिजनेस फलता फूलता देखा जा सकता है.  
मसालेदार खाना
लेकिन मेरा मन अब भी उन्हीं परंपरागत तरीके से खाना बेचने वालों की छोटी दुकानों पर जाकर टिकता है. ऐसा नहीं है कि मैंने   फूड ट्रकों के खाने का स्वाद नहीं चखा है. पर मुझे लगता है कि अगर फूड ट्रक बिजनेस को आगे बढ़ाना है तो उन्हें अपने खाने पर और ध्यान देना होगा और इसके लिए भारतीय स्वाद से तो कतई नाता नहीं तोड़ा जा सकता है और हां, फूड ट्रक को खाने की कीमतों को भी हमेशा आकर्षक बनाए रखना होगा. दूसरी तरफ, परंपरागत शैली वाले खाना खिलाने वाले दुकानों को अगर बाज़ार में जमे रहना है तो उन्हें भी कुछ करना होगा, मसलन, सफाई पर ध्यान, ग्राहकों से अच्छे से बातचीत करना, अच्छे कपड़े पहनना...

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